ज्ञान के भण्डार गुरुवर
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ख्याति लब्ध पत्रिका 'अनुभूति' के 'अपनी पाठशाला' विशेषांक में मेरी रचना 'ज्ञान के भण्डार गुरुवर ' प्रकाशित करने हेतु आ.पूर्णिमा वर्मन दीदी का हार्दिक आभार ।
ज्ञान के भंडार गुरुवर,
पथ प्रदर्शक है हमारे ।
डगमगाती नाव जीवन,
खे रहे गुरु के सहारे ।
गुरु की पारस दृष्टि से ही ,
मन ये कुंदन सा निखरता ।
कोरा कागज सा ये जीवन,
गुरु की गुरुता से महकता ।
देवसम गुरुदेव को हम,
दण्डवत कर, पग-पखारें ।
ज्ञान के भंडार गुरुवर,
पथ प्रदर्शक है हमारे ।
गुरु कृपा से ही तो हमने ,
नव ग्रहों का सार जाना ।
भू के अंतस को भी समझा,
व्योम का विस्तार जाना ।
अनगिनत महिमा गुरु की,
पा कृपा, जीवन सँवारें ।
ज्ञान के भंडार गुरुवर,
पथ प्रदर्शक है हमारे ।
तन में मन और मन से तन,
के गूढ़ को बस गुरु ही जाने ।
बुद्धि के बल मन को साधें,
चित्त चेतन के सयाने ।
अथक श्रम से रोपते ,
अध्यात्म शिष्योद्यान सारे।
ज्ञान के भंडार गुरुवर,
पथ प्रदर्शक है हमारे ।
पढ़िए पत्रिका 'अनुभूति' में प्रकाशित मेरी एक और रचना
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टिप्पणियाँ
वाह्ह... बहुत सुंदर,गुरूजनों के सम्मान में लिखी आपकी रचना मात्र शब्द नहीं हैं वर्तमान समय में छात्रों के लिए सकारात्मक संदेश है।
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई दी पत्रिका में प्रकाशित रचनाओं के लिए। ऐसे ही सुंदर लिखिए और हमें प्रेरित करते रहिए।
सस्नेह. प्रणाम दी।
सादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार २० सितम्बर २०२४ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
सस्नेह आभार प्रिय श्वेता ! सृजन को सार्थकता प्रदान करती टिप्पणी के साथ रचना को मंच प्रदान करने हेतु ।
हटाएंवाह! बहुत खूबसूरत सृजन!
जवाब देंहटाएंतहेदिल से धन्यवाद एवं आभार शुभा जी !
हटाएंबहुत ही सुन्दर सार्थक और भावप्रवण रचना
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार एवं धन्यवाद अभिलाषा जी !
हटाएंबहुत बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आ. आलोक जी !
हटाएंवाह सुधा जी...क्या खूब लिखा ..अद्भुत
जवाब देंहटाएंअत्यंत आभार आपका अलकनंदा जी !
हटाएंगुरु जनों के प्रति समर्पित भाव ... कमाल की रचना और बहुत बधाई इस प्रकाशन की ...
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आपका नासवा जी !
हटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंगुरुजनों के सम्मान में हृदय तल को स्पर्श करते श्रद्धापूरित भाव लिए मनविभोर करती लाजवाब रचना सुधा जी ! अनुभूति पत्रिका में सृजन प्रकाशित होने पर आपको हार्दिक बधाई ।
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