राम एक संविधान
मनहरण घनाक्षरी छंद
गूँज उठी जयकार,
तोरण से सजे द्वार,
पाँच शतक के बाद,
शुभ दिन आये हैं !
कौशल्या दुलारे राम,
दशरथ प्यारे राम,
पधारे अवध धाम,
मंदिर बनाये हैं ।
सज्ज हुआ सिंहद्वार,
सज्ज राम दरबार,
पंच मंडपों के संग,
देवता दर्शाए हैं ।
प्रिय शिष्य हनुमान,
करेंगे सभी के त्राण,
राम राजकाज हेतु,
गदा जो उठाये हैं ।
सिया राम परिवार,
सुखप्रद घरबार,
नयनाभिराम अति,
आसन सजाये हैं ।
राम राज अभिषेक,
प्राण-प्रतिष्ठा को देख,
शिशिर में भी भक्तों के,
जोश गरमाये हैं ।
राम आरती अजान ,
राम एक संविधान,
भारती के प्राण राम,
भक्त मन भाये है ।
इष्ट में विशिष्ट राम,
शिष्ट में प्रकृष्ट राम,
हर्ष के विमर्श बन,
विश्व में समाये हैं ।
पढ़िए श्रीगणेश जी स्तुति
टिप्पणियाँ
शिष्ट में प्रकृष्ट राम,
हर्ष के विमर्श बन,
विश्व में समाये हैं ।
सच ऐसा लग रहा है कि पूरा विश्व राम मय हो गया है , बहुत ही सुन्दर भजन लिखा है आपने सुधा जी 🙏 जय श्री राम 🙏
राम नाम भक्त हृदय का हर्षित बसंत है।।
अति भावपूर्ण ,संपूर्ण समर्पण से रची गयी सुंदर अभिव्यक्ति दी।
सस्नेह प्रणाम
-----
जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना मंगलवार ६ फरवरी २०२४ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
करहु प्रणाम कर जोरि जुग पानी ॥
भक्ति भाव से राम रंग में रमा समर्पित भाव से सृजित सुन्दर भजन सुधा जी ! सादर वन्दे!
बहुत खूब लिखा कि राम राज अभिषेक,
प्राण-प्रतिष्ठा को देख,
शिशिर में भी भक्तों के,
जोश गरमाये हैं ।...वाह
राम स्वयं में ही संविधान हैं सच एक-एक शब्द राम की विशिष्टता का परिचायक है।सादर
सज्ज राम दरबार,
पंच मंडपों के संग,
देवता दर्शाए हैं ।
बहुत सुंदर दर्शन, जहां राम वहां सब सहज ही प्राप्त हैं।
बहुत सुन्दर अर्चना , भावपूर्ण ...
इष्ट में विशिष्ट राम,
शिष्ट में प्रकृष्ट राम,
हर्ष के विमर्श बन,
विश्व में समाये हैं ।
बहुत सुंदर सचमुच विशिष्ट घनाक्षरी।
जय श्रीराम।