मन की उलझनें
बेटे की नौकरी अच्छी कम्पनी में लगी तो शर्मा दम्पति खुशी से फूले नहीं समा रहे थे,परन्तु साथ ही उसके घर से दूर चले जाने से दुःखी भी थे । उन्हें हर पल उसकी ही चिंता लगी रहती । बार-बार उसे फोन करते और तमाम नसीहतें देते । उसके जाने के बाद उन्हें लगता जैसे अब उनके पास कोई काम ही नहीं बचा, और उधर बेटा अपनी नयी दुनिया में मस्त था । पहली ही सुबह वह देर से सोकर उठा और मोबाइल चैक किया तो देखा कि घर से इतने सारे मिस्ड कॉल्स! "क्या पापा ! आप भी न ! सुबह-सुबह इत्ते फोन कौन करता है" ? कॉलबैक करके बोला , तो शर्मा जी बोले, "बेटा ! इत्ती देर तक कौन सोता है ? अब तुम्हारी मम्मी थोड़े ना है वहाँ पर तुम्हारे साथ, जो तुम्हें सब तैयार मिले ! बताओ कब क्या करोगे तुम ? लेट हो जायेगी ऑफिस के लिए" ! "डोंट वरी पापा ! ऑफिस बारह बजे बाद शुरू होना है । और रात बारह बजे से भी लेट तक जगा था मैं ! फिर जल्दी कैसे उठता"? "अच्छा ! तो फिर हमेशा ऐसे ही चलेगा" ? पापा की आवाज में चिंता थी । "हाँ पापा ! जानते हो न कम्पनी यूएस"... "हाँ हाँ समझ गया बेटा ! चल अब जल्दी से अपन...
इष्ट में विशिष्ट राम,
जवाब देंहटाएंशिष्ट में प्रकृष्ट राम,
हर्ष के विमर्श बन,
विश्व में समाये हैं ।
सच ऐसा लग रहा है कि पूरा विश्व राम मय हो गया है , बहुत ही सुन्दर भजन लिखा है आपने सुधा जी 🙏 जय श्री राम 🙏
राम ही राम कण-कण में जीवंत है।
जवाब देंहटाएंराम नाम भक्त हृदय का हर्षित बसंत है।।
अति भावपूर्ण ,संपूर्ण समर्पण से रची गयी सुंदर अभिव्यक्ति दी।
सस्नेह प्रणाम
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना मंगलवार ६ फरवरी २०२४ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
सियाराम मय सब जग जानी ।
जवाब देंहटाएंकरहु प्रणाम कर जोरि जुग पानी ॥
भक्ति भाव से राम रंग में रमा समर्पित भाव से सृजित सुन्दर भजन सुधा जी ! सादर वन्दे!
वाह
जवाब देंहटाएंइसे तो गायन में ढाला जाना चाहिए सुधा जी, राम राम....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब लिखा कि राम राज अभिषेक,
प्राण-प्रतिष्ठा को देख,
शिशिर में भी भक्तों के,
जोश गरमाये हैं ।...वाह
जय श्री राम सखी
जवाब देंहटाएंराम स्वयं में ही संविधान हैं सच एक-एक शब्द राम की विशिष्टता का परिचायक है।सादर
सज्ज हुआ सिंहद्वार,
जवाब देंहटाएंसज्ज राम दरबार,
पंच मंडपों के संग,
देवता दर्शाए हैं ।
बहुत सुंदर दर्शन, जहां राम वहां सब सहज ही प्राप्त हैं।
भक्तिभाव से परिपूर्ण बहुत सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंप्रभु रॉक का मन्दिर देश में नयी दिशा देगा ... भारत का उदय निश्चित है ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अर्चना , भावपूर्ण ...
जवाब देंहटाएंइष्ट में विशिष्ट राम,
शिष्ट में प्रकृष्ट राम,
हर्ष के विमर्श बन,
विश्व में समाये हैं ।
बहुत सुंदर सचमुच विशिष्ट घनाक्षरी।
जय श्रीराम।