बी पॉजिटिव

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  "ओह ! कम ऑन मम्मा ! अब आप फिर से मत कहना अपना वही 'बी पॉजिटिव' ! कुछ भी पॉजिटिव नहीं होता हमारे पॉजिटिव सोचने से ! ऐसे टॉक्सिक लोगों के साथ इतने नैगेटिव एनवायरनमेंट में कैसे पॉजिटिव रहें ?   कैसे पॉजिटिव सोचें जब आस-पास इतनी नेगेटिविटी हो ?.. मम्मा ! कैसे और कब तक पॉजिटिव रह सकते हैं ? और कोशिश कर भी ली न तो भी कुछ भी पॉजिटिव नहीं होने वाला !  बस भ्रम में रहो ! क्या ही फायदा ? अंकुर झुंझलाहट और  बैचेनी के साथ आँगन में इधर से उधर चक्कर काटते हुए बोल रहा था ।  वहीं आँगन में रखी स्प्रै बोतल को उठाकर माँ गमले में लगे स्नेक प्लांट की पत्तियों पर जमी धूल पर पानी का छिड़काव करते हुए बोली, "ये देख कितनी सारी धूल जम जाती है न इन पौधों पर । बेचारे इस धूल से तब तक तो धूमिल ही रहते है जब तक धूल झड़ ना जाय" ।   माँ की बातें सुनकर अंकुर और झुंझला गया और मन ही मन सोचने लगा कि देखो न माँ भी मेरी परेशानी पर गौर ना करके प्लांट की बातें कर रही हैं ।   फिर भी माँ का मन रखने के लिए अनमने से उनके पास जाकर देखने लगा , मधुर स्मित लिए माँ ने बड़े प्यार से कहा "ये देख ...

धन्य हुए योगिराज, बनाई पावन मूरत

कुण्डलिया छंद

Shree Ram
                                   चित्र साभार 'गूगल' से

                 


मूरत अद्भुत राम की, श्यामल सुन्दर रुप ।

स्मित अधर सरसिज नयन,शोभा अतुल अनूप ।

शोभा अतुल अनूप , वसन पीतांबर सोहे ।

गल भूषण बनमाल, छवि आलोक मनमोहे ।

निरखि सुधा सुध भूलि, मनोहर श्यामल सूरत।

धन्य हुए योगिराज, बनाई पावन मूरत ।


********************


राम विराजे अवधपुरी, मची देश में धूम ।

राम राम जपते सभी, नाच रहे हैं झूम ।

नाच रहे हैं झूम, लगी गणतंत्र में झाँकी ।

राम हि बस देखें सुने, भक्ति राम की आँकी ।

कहे सुधा सुन मीत,भक्ति का डंका बाजे ।

कर्म करें निष्काम, हृदय में राम विराजे ।


पढ़िएभक्ति भाव पर आधारित मनहरण घनाक्षरी छंद में मेरी एक और रचना ..

●  प्रभु फिर आइए








टिप्पणियाँ

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" शनिवार 27 जनवरी 2024 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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  2. जय श्रीराम बहुत ही सुन्दर सार्थक और मनभावन रचना सखी

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  3. निरखि सुधा सुध भूलि, मनोहर श्यामल सूरत।

    धन्य हुए योगिराज, बनाई पावन मूरत ।

    सचमुच अद्भभुत सृजन किया है मूर्तिकार ने
    बहुत ही सुन्दर सृजन सुधा जी 🙏
    जय श्री राम 🙏

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह सुधा जी, एक अद्भुत रचना...वाह..क्या खूब कहा क‍ि -
    गल भूषण बनमाल, छवि आलोक मनमोहे ।
    निरखि सुधा सुध भूलि, मनोहर श्यामल सूरत।
    #जयश्रीराम

    जवाब देंहटाएं
  5. दिगंबर नासवा31 जनवरी 2024 को 4:31 pm बजे

    कमाल के भाव … स्वतः मन में उपज रहे हैं भाव है राम जी की …

    जवाब देंहटाएं

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