दोहे - सावन में शिव भक्ति

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              ■  सावन आया सावन मास है , मंदिर लगी कतार । भक्त डूबते भक्ति में, गूँज रही जयकार ।। लिंग रूप भगवान का, पूजन करते भक्त । कर दर्शन शिवलिंग के,  हुआ हृदय अनुरक्त । ओघड़दानी देव शिव, बाबा भोलेनाथ । जपें नाम सब आपका, जोड़े दोनों हाथ ।। करो कृपा मुझ दीन पर, हे शिव गौरीनाथ । हर लो दुख संताप प्रभु, सर पर रख दो हाथ ।। बम बम भोले बोलकर, भक्त करें जयकार । विधिवत व्रत पूजन करें, मिलती खुशी अपार ।।                      ■   काँवड काँधे में काँवड सजे, होंठों मे शिव नाम । शिव शंकर की भक्ति से, बनते बिगड़े काम ।। काँवड़िया काँवड़ लिये, चलते नंगे पाँव । बम बम के जयघोष से,  गूँज रहे हैं गाँव ।। काँधे पर काँवड़ लिये, भक्त चले हरिद्वार । काँवड़ गंगाजल भरे, चले शंभु के द्वार  ।। काँवड़िया काँवड़ लिए , गाते शिव के गीत । जीवन उनका धन्य है, शिव से जिनको प्रीत ।। सादर अभिनंदन🙏🙏 पढ़िये भगवान शिव पर आधारित कुण्डलिया छंद निम्न लिंक पर ●  हरते सबके कष्ट सदाशिव भोले शंकर

लघुकथा - विडम्बना



Short story





 "माँ ! क्या आप पापा की ऐसी हरकत के बाद भी उन्हें उतना ही मानती हो " ?  

अपने और माँ के शरीर में जगह-जगह चोट के निशान और सूजन दिखाते हुए बेटे ने पूछा ।

आँसुओं का सैलाब लिए माँ बेटे के उन जख्मों को सहलाती रही जो पापा की मार से उसे को बचाते समय लगे, परन्तु कुछ कह ना सकी तो बेटा बोला, "माँ ! मैं अब बड़ा हो गया हूँ, समझ और सहनशक्ति जबाब दे रही है, आपके पति-परमेश्वर की इन हरकतों के विरोध में मेरी जुबान या हाथ चलें, इससे पहले मैं घर छोड़कर कहीं दूर जा रहा हूँ , क्योंकि मैं भी आपकी नफरत बरदाश्त नहीं कर पाउँगा" । 


पढ़िए एक और लघुकथा

● ये माँ भी न




  




टिप्पणियाँ

  1. मारपीट को सहन करना और एक हद्द के बाद भी सहन करना है गुनाह है.
    बहुत मार्मिक लघू कथा.

    पधारें- तुम हो तो हूँ 

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  2. हृदयस्पर्शी सृजन सुधा जी ।

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  3. समय और परिस्थितियों के साथ साथ घरेलू हिंसा के पहलू को उजागर करती बेहतरीन और हृदयस्पर्शी लघुकथा। बहुत बधाई प्रिय सखी।

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  4. बहुत ही सुंदर भावपूर्ण हृदयस्पर्शी लघु कथा

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