मन में भरे उमंग, मनोहर पावन सावन

Rainy season

 


सावन बरसा जोर से, नाच उठा मनमोर ।

कागज की कश्ती बही , बाल मचाये शोर ।।

बाल मचाये शोर, पींग झूले की भरते ।

रिमझिम बरसे मेघ, भीग अठखेली करते ।।

कहे सुधा सुन मीत, कि पावस है मनभावन ।

मन में भरें उमंग, मनोहर पावन सावन ।।


आया सावन मास अब, मन शिव में अनुरक्त ।

पूजन अर्चन जग करे, शिव शिव जपते भक्त ।।

शिव शिव जपते भक्त, चल रहे काँवर टाँगे ।

करते शिव अभिषेक,  मन्नतें प्रभु से माँगे ।।

चकित सुधा करजोरि, देखती शिव की माया ।

भक्ति भाव उल्लास ,  लिये अब सावन आया ।।


टिप्पणियाँ

Sweta sinha ने कहा…
अरे वाह्ह दी बरसा ऋतु का मनमोहक चित्र खींचती बहुत सुंदर कुंडलिनी।
प्रणाम दी
सादर।
अनीता सैनी ने कहा…
जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (०६-०८-२०२३) को 'क्यूँ परेशां है ये नज़र '(चर्चा अंक-४६७५ ) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर

Ankit choudhary ने कहा…
बहुत सुंदर, सावन मे शिवभक्ति में लीन काँवर यात्रा का अनुभव अनमोल है🙏
Digamber Naswa ने कहा…
भोले की भक्ति में सरोबर सुंदर …
Anita ने कहा…
सावन की मनमोहक छटा बिखेरती सुंदर रचना
MANOJ KAYAL ने कहा…
मृदुल काव्य कृति
गोपेश मोहन जैसवाल ने कहा…
जय भोले शंकर !
सुधा जी, आपकी वन्दना सुन कर भोले बाबा अति प्रसन्न होंगे.
हमारे घर के पास विशाल गौरी शंकर मन्दिर है.
सावन के हर सोमवार को तो वहां भक्तों का मेला सा लग जाता है.
शुभा ने कहा…
वाह! सुधा जी ,भक्ति भाव से भीगी हुई सुन्दर प्रस्तुति
Bharti Das ने कहा…
वाह बहुत मनमोहक सृजन
सावन मास पर बहुत सुंदर मनहर कुंडलियां।

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