'वृद्धाश्रम'-- दूजी पारी जीवन की....
ऐसी निष्ठुर रीत से उनकी
ये प्रथम मुलाकात हुई
काटे से ना कटती थी वो
ऐसी भयावह रात हुई
शब्द चुभे हिय में नश्तर से
नयनों से लहू टपकता था
पतझड़े पेड़ सा खालीपन
मन सूनेपन से उचटता था
कष्ट हँसे जब पुष्प चुभोये
कण्टक की बरसात हुई
काटे से ना कटती थी वो
ऐसी भयावह रात हुई
फिर पत्थर सा हुआ हृदय
आँखों में नीरवता छायी
एक असहनीय मजबूरी
वृद्धाश्रम तक ले आयी
मोह का धागा टूट गया
जाने ऐसी क्या बात हुई
काटे से ना कटती थी वो
ऐसी भयावह रात हुई
नये सिरे से शुरू था जीवन
नहीं मृत्यु से ही भय था
दूजी पारी थी जीवन की
दूजा ही ये आश्रय था
अपलक स्तब्ध थी आँखें
उम्र ढ़ली शुरुआत हुई
काटे से ना कटती थी वो
ऐसी भयावह रात हुई
ये प्रथम मुलाकात हुई
काटे से ना कटती थी वो
ऐसी भयावह रात हुई
शब्द चुभे हिय में नश्तर से
नयनों से लहू टपकता था
पतझड़े पेड़ सा खालीपन
मन सूनेपन से उचटता था
कष्ट हँसे जब पुष्प चुभोये
कण्टक की बरसात हुई
काटे से ना कटती थी वो
ऐसी भयावह रात हुई
फिर पत्थर सा हुआ हृदय
आँखों में नीरवता छायी
एक असहनीय मजबूरी
वृद्धाश्रम तक ले आयी
मोह का धागा टूट गया
जाने ऐसी क्या बात हुई
काटे से ना कटती थी वो
ऐसी भयावह रात हुई
नये सिरे से शुरू था जीवन
नहीं मृत्यु से ही भय था
दूजी पारी थी जीवन की
दूजा ही ये आश्रय था
अपलक स्तब्ध थी आँखें
उम्र ढ़ली शुरुआत हुई
काटे से ना कटती थी वो
ऐसी भयावह रात हुई
चित्र साभार गूगल से...
टिप्पणियाँ
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार सर!
उम्र ढ़ली शुरुआत हुई
काटे से ना कटती थी वो
ऐसी भयावह रात हुई...
वृद्धावस्था में वृद्धाश्रम में रहने वालों की व्यथा का मर्मस्पर्शी चित्रण । ज्योति जी की बात से सहमत...काश , किसी इन्सान को ऐसे दिन न देखने पड़े ।
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार (24अगस्त 2020) को 'उत्सव हैं उल्लास जगाते' (चर्चा अंक-3803) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
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-रवीन्द्र सिंह यादव
सादर आभार।
नहीं मृत्यु से ही भय था
दूजी पारी थी जीवन की
दूजा ही ये आश्रय था
अपलक स्तब्ध थी आँखें
उम्र ढ़ली शुरुआत हुई
काटे से ना कटती थी वो
ऐसी भयावह रात हुई
एक भयावह सच्चाई ,हृदयस्पर्शी सृजन सुधा जी
ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
सचाई से रूबरू कराती हुई रचना ...
अनमोल प्रतिक्रिया हेतु हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार आपका।