आओ बच्चों ! अबकी बारी होली अलग मनाते हैं

आओ बच्चों ! अबकी बारी होली अलग मनाते हैं जिनके पास नहीं है कुछ भी मीठा उन्हें खिलाते हैं । ऊँच नीच का भेद भुला हम टोली संग उन्हें भी लें मित्र बनाकर उनसे खेलें रंग गुलाल उन्हें भी दें छुप-छुप कातर झाँक रहे जो साथ उन्हें भी मिलाते हैं जिनके पास नहीं है कुछ भी मीठा उन्हें खिलाते हैं । पिचकारी की बौछारों संग सब ओर उमंगें छायी हैं खुशियों के रंगों से रंगी यें प्रेम तरंगे भायी हैं। ढ़ोल मंजीरे की तानों संग सबको साथ नचाते हैं जिनके पास नहीं है कुछ भी मीठा उन्हें खिलाते हैं । आज रंगों में रंगकर बच्चों हो जायें सब एक समान भेदभाव को सहज मिटाता रंगो का यह मंगलगान मन की कड़वाहट को भूलें मिलकर खुशी मनाते हैं जिनके पास नहीं है कुछ भी मीठा उन्हें खिलाते हैं । गुझिया मठरी चिप्स पकौड़े पीयें साथ मे ठंडाई होली पर्व सिखाता हमको सदा जीतती अच्छाई राग-द्वेष, मद-मत्सर छोड़े नेकी अब अपनाते हैं जिनके पास नहीं है कुछ भी मीठा उन्हें खिलाते हैं । पढ़िए एक और रचना इसी ब्लॉग पर ● बच्चों के मन से
आपकी लिखी रचना सोमवार. 31 जनवरी 2022 को
जवाब देंहटाएंपांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
हृदयतल से धन्यवाद आ.संगीता जी!मेरी इतनी पुरानी रचना को ढूँढ़कर मंच प्रदान करने हेतु।
हटाएंसादर आभार।
हर दिल में आशा और दृढ़ता से आगे बढ़ने का विश्वास जगाती सुंदर सार्थक रचना सुधाजी।
जवाब देंहटाएंआपकी रचनाओं में सुंदर सकारात्मक भाव सदा उत्कृष्ट होते हैं कोई प्रेरक संदेश लिए।
सुंदर सृजन।
हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार आ.कुसुम जी!
हटाएंपूर्ण विश्वास है कि यह दीप सदा जलता ही रहेगा। अति सुन्दर सृजन।
जवाब देंहटाएंहौसला निज मन में रखकर,
जवाब देंहटाएंतूफ़ानों से अब लड़ना होगा ....
मन ज्योतिर्मय करने को
मेरे दीप तुम्हें जलना होगा !!!
थके हारे मन में भी ओज का संचार करती अदभुत सृजन सुधा जी,सादर नमन आपको
तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार कामिनी जी!
हटाएंदीपक से बहुत सुन्दर आग्रह और आह्वान प्रिय सुधा जी। दीपक जलता रहे तो अंधेरे की क्या बिसात कि वह किसी के जीवन को ढक परेशान करे। हार्दिक शुभकामनाएं इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए 🌷🌷💐💐
जवाब देंहटाएंतहेदिल से धन्यवाद एवं आभार रेणु जी!
हटाएंअति सुंदर सृजन सुधा जी।
जवाब देंहटाएंसकारात्मकता का दीप सदैव तम की आखिरी बूँद को भी हरता रहे।
सस्नेह।
जी, अत्यंत आभार एवं धन्यवाद श्वेता जी!
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