बी पॉजिटिव

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  "ओह ! कम ऑन मम्मा ! अब आप फिर से मत कहना अपना वही 'बी पॉजिटिव' ! कुछ भी पॉजिटिव नहीं होता हमारे पॉजिटिव सोचने से ! ऐसे टॉक्सिक लोगों के साथ इतने नैगेटिव एनवायरनमेंट में कैसे पॉजिटिव रहें ?   कैसे पॉजिटिव सोचें जब आस-पास इतनी नेगेटिविटी हो ?.. मम्मा ! कैसे और कब तक पॉजिटिव रह सकते हैं ? और कोशिश कर भी ली न तो भी कुछ भी पॉजिटिव नहीं होने वाला !  बस भ्रम में रहो ! क्या ही फायदा ? अंकुर झुंझलाहट और  बैचेनी के साथ आँगन में इधर से उधर चक्कर काटते हुए बोल रहा था ।  वहीं आँगन में रखी स्प्रे बोतल को उठाकर माँ गमले में लगे स्नेक प्लांट की पत्तियों पर जमी धूल पर पानी का छिड़काव करते हुए बोली, "ये देख कितनी सारी धूल जम जाती है न इन पौधों पर । बेचारे इस धूल से तब तक तो धूमिल ही रहते है जब तक धूल झड़ ना जाय" ।   माँ की बातें सुनकर अंकुर और झुंझला गया और मन ही मन सोचने लगा कि देखो न माँ भी मेरी परेशानी पर गौर ना करके प्लांट की बातें कर रही हैं ।   फिर भी माँ का मन रखने के लिए अनमने से उनके पास जाकर देखने लगा , मधुर स्मित लिए माँ ने बड़े प्यार से कहा "ये देख ...

सियासत और दूरदर्शिता

Corrupt politicians

                                                           

प्रभु श्री राम के रीछ-वानर हों या,
श्री कृष्ण जी के ग्वाल - बाल

महात्मा बुद्ध के परिव्राजक हों या,
महात्मा गाँधी जी के  सत्याग्रही

दूरदर्शी थे समय के पारखी थे,
समय की गरिमा को पहचाने थे

अपनी भूमिका को निखारकर
जीवन अपना संवारे थे

आजकल भी कुछ नेता बड़े दूरदर्शी हो गये,
देखो ! कैसे दल-बदल मोदी -लहर में बह गये

इसी को कहते हैं चलती का नाम गाड़ी,
गर चल दिया तो हुआ सयाना
छूट गया तो हुआ अनाड़ी ।

नीतीश जी को ही देखिये, कैसे गठबंधन छोड़ बैठे !
व्यामोह के चक्रव्यूह से, कुशलता से निकल बैठे !

दूरदर्शिता के परिचायक नीतीश जी
 राजनीति के असली दाँव पेंच चल बैठे।

भाजपा का दामन पकड़ अनेक नेता सफल हो गये
दल - बदलू बनकर ये सियासत के रंग में रंग लिये

बहुत बड़ी बात है,देशवासियों का विश्वासमत हासिल करना !
उससे भी बड़ी बात है विश्वास पर खरा उतरना
आगे - आगे देखते हैं भाजपा करती है क्या?
 सभी के विश्वास पर खरी भी उतरती है क्या ?
                                                                                                चित्र साभार गूगल से

टिप्पणियाँ

  1. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 14 दिसम्बर 2022 को साझा की गयी है...
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  2. विरोधी चल रहे हैं अपनी चालें
    विश्वास मोदी पर ज़रा जमा लें ।

    जवाब देंहटाएं
  3. आज जब आपकी ये रचना पढ़ रहीं हूं तब तक नितिश जी ने फिर दल बदल लिया 😂

    और संगीता दी ने सही कहा। खैर, ये तो राजनीति की बात थी जहां तक कविता की बात है तो हमेशा की तरह लाजबाव सृजन 🙏

    जवाब देंहटाएं
  4. उस समय का सामायिक विवरण देती रचना।

    जवाब देंहटाएं

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