उदास पाम
जब से मेरा ये पाम इस कदर उदास है
लगता नही है मन कहीं उसी के पास है
वह तो मुझे बता रहा
मुझे समझ न आ रहा
कल तक था सहलाता मुझे
अब नहीं लहरा रहा
क्या करूँ अबुलन है ये पर मेरा खास है
लगता नहीं है मन कहीं इसी के पास है
जब से मेरा ये पाम इस कदर उदास है
पहली नजर में भा गया
फिर घर मेरे ये आ गया
रौनक बढ़ा घर की मेरी
सबका ही मन चुरा गया
माना ये भी सबने कि इससे शुद्ध श्वास है
लगता नहीं है मन कहीं इसी के पास है
जब से मेरा ये पाम इस कदर उदास है
खाद पानी भी दिया
नीम स्प्रे भी किया
झुलसी सी पत्तियों ने सब
अनमना होके लिया
दुखी सा है वो पॉट जिसमें इसका वास है
लगता नहीं है मन कहीं इसी के पास है
जब से मेरा ये पाम इस कदर उदास है।
यदि जानते हैं आप तो
कृपया सलाह दें
मरते से मेरे पाम के
इस दुख की थाह लें
बस आपकी सलाह ही इकमात्र आस है
लगता नहीं है मन कहीं इसी के पास है
जब से मेरा ये पाम इस कदर उदास है।।
टिप्पणियाँ
खरीद-फरोख्त की फितरत सिर्फ सरे आम है।
यहाँ वहाँ कहाँ किसी का ज़मीर पास है,
अरे झुलसा नहीं पाम! वह तो सिर्फ उदास है!!!
तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार आपका...।
लाजवाब पंक्तियों से रचना को पूर्णता प्रदान करने हेतु हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार आ.विश्वमोहन जी!
आपके उदास मन में यह पाम फिर खिल उठा है। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ आदरणीया।
वैसे अपनी ये कविता भी सुना सकतीं हैं । खुशी से झूम उठेगा पाम ।।
सादर आभार।
आशा मेरी उम्मीद बन जाय...तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार शुभा जी!
सादर आभार एवं धन्यवाद आपका मेरे पाम की खैरियत में आपके स्नेहासिक्त सुझाव हेतु।🙏🙏🙏🙏
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (2 -6-21) को "ऐसे ही घट-घट में नटवर"(चर्चा अंक 4084) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
तहेदिल से आभार एवं धन्यवाद आपका।
फिर घर मेरे ये आ गया
रौनक बढ़ा घर की मेरी
सबका ही मन चुरा गया
वाह! बहुत ही खूबसूरती से आपने इंसान( अपने) और पौधें के बीच के रिश्ते और प्यार को व्यक्त किया है! सच में पौधें बहुत ही अच्छे होते हैं इनसे बात करो तो जबब तो नहीं देते पर ऐसा एहसास होता है कि जैसे हमारे जज्बात और दर्द और प्यार को समझ रहा है पौधों के साथ एक अलग ही सूकून मिलता है!
तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार आपका।
पर ये कहानिया अक्सर बुन्नी चाहियें, मन लगा रहता है ... जीवंत रहता है, कल्पना शक्ति रहती अहि मन में ...
अत्यंत आभार एवं धन्यवाद आपका।
लगता नही है मन कहीं उसी के पास है
सुंदर रचना
आपने मेरे पाम की सुध ली हृदयतल से धन्यवाद आपका।
तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार आपका।