tag:blogger.com,1999:blog-7355806065865753929.post7203120617507725620..comments2024-03-26T15:35:51.593+05:30Comments on Nayisoch: हाँ ! मैने कुछ रिश्तों को टूटते-बिखरते देखा है ;Sudha Devranihttp://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-7355806065865753929.post-8819402925373210112021-07-28T15:55:14.471+05:302021-07-28T15:55:14.471+05:30तहेदिल से धन्यवाद आ.संगीता जी! आपकी सराहनासम्पन्न ...तहेदिल से धन्यवाद आ.संगीता जी! आपकी सराहनासम्पन्न प्रतिक्रिया हमेशा उत्साह द्विगुणित कर देती है।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7355806065865753929.post-80172282001981257442021-07-28T12:12:24.967+05:302021-07-28T12:12:24.967+05:30रिश्तों में स्वार्थ के आ जाना ही दुखदायी है ।
भौत...रिश्तों में स्वार्थ के आ जाना ही दुखदायी है । <br />भौतिक साधनों के पीछे भागते भागते रिश्तों की अहमियत को खो देते हैं । विचारणीय रचना ।संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7355806065865753929.post-15469648146855796892021-07-28T06:40:20.463+05:302021-07-28T06:40:20.463+05:30हार्दिक आभार एवं धन्यवाद आ.विश्वमोहन जी!हार्दिक आभार एवं धन्यवाद आ.विश्वमोहन जी!Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7355806065865753929.post-22665941032013761572021-07-28T06:39:35.387+05:302021-07-28T06:39:35.387+05:30सारगर्भित प्रतिक्रिया द्वारा प्रोत्साहन हेतु बहुत ...सारगर्भित प्रतिक्रिया द्वारा प्रोत्साहन हेतु बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार रेणु जी!Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7355806065865753929.post-38752584908057259542021-07-28T06:32:17.684+05:302021-07-28T06:32:17.684+05:30जीवन के कुछ सच ऐसे भी होते हैं। सही कहा आपने। दिल ...जीवन के कुछ सच ऐसे भी होते हैं। सही कहा आपने। दिल को छू लिया।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7355806065865753929.post-21496371013213703442021-07-28T00:15:56.806+05:302021-07-28T00:15:56.806+05:30रिश्तों ने भी बदलते समय में अपना चेहरा बदला है। भौ...रिश्तों ने भी बदलते समय में अपना चेहरा बदला है। भौतिकता के आगे प्रेम प्यार गौण होकर रह गए हैं। रिश्तों पर गहनता से पड़ताल करतीं रचना प्रिय सुधा जी। जिन्होंने रिश्ते नातों का उत्कर्ष देख रखा हो उनके लिए ये पतन किसी सदमे से कम नहीं। पर क्या करें हर जगह यही हो रहा है।रेणुhttps://www.blogger.com/profile/06997620258324629635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7355806065865753929.post-42152170081321690332021-07-27T18:21:20.692+05:302021-07-27T18:21:20.692+05:30बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ श्वेता जी!
सहृदय धन्यवाद ...बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ श्वेता जी!<br />सहृदय धन्यवाद एवं आभार आपका।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7355806065865753929.post-42270772313159663672021-07-27T17:56:47.132+05:302021-07-27T17:56:47.132+05:30रिश्तों का ऐसा क्यो़ होता ताना-बाना
साथ चलते है लग...रिश्तों का ऐसा क्यो़ होता ताना-बाना<br />साथ चलते है लगते मगर अजनबी अनजाना।<br />---<br />सुंदर भावपूर्ण सृजन प्रिय सुधा जी।<br />सस्नेह।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7355806065865753929.post-89334621693425700282021-07-27T17:22:49.952+05:302021-07-27T17:22:49.952+05:30तहेदिल से धन्यवाद आ.यशोदा जी मेरी रचना को मुखरित म...तहेदिल से धन्यवाद आ.यशोदा जी मेरी रचना को मुखरित मौन के मंच पर स्थान देने हेतु।<br />सादर आभार।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7355806065865753929.post-34307257353876222532021-07-27T10:04:32.022+05:302021-07-27T10:04:32.022+05:30आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में&q...<i><b> आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 27 जुलाई 2021 शाम 5.00 बजे साझा की गई है....<a href="https://mannkepaankhi.blogspot.com/" rel="nofollow"> "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर </a>आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.com